Income Tax Return: आपकी कमाई पर नहीं लगता टैक्स? तब भी इन 5 फायदों के लिए जरूर फाइल करें ITR
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Tue, Jul 20, 2021 03:54 PM IST
इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) कब भरा जाता है...जब आपकी ग्रॉस सैलरी (Gross Salary) इनकम टैक्स विभाग की तरफ से तय की गई सीमा से ज्यादा हो. कोई भी व्यक्ति तभी इनकम टैक्स भरता है या उसका ब्यौरा देता है, जब उसकी ग्रॉस सैलरी टैक्स छूट की सीमा को पार कर देती है. वहीं अगर आपकी ग्रॉस सैलरी इस लिमिट को पार नहीं करती है या उससे कम रहती है तो आपको आईटीआर (ITR) भरने की जरूरत नहीं पड़ती है. अगर आपकी ग्रॉस सैलरी 2.5 लाख से ज्यादा नहीं है तो आईटीआर (ITR) नहीं फाइल करना होगा.
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आईटीआर फाइल कर उठा सकते हैं कई फायदे
इसके अलावा अगर आपका इलेक्ट्रिसिटी बिल 1 साल में 1 लाख से ज्यादा हो गया हो तो भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरना होगा और अगर आपने 1 साल में दो लाख रुपए से ज्यादा की विदेश यात्रा की है तो भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपकी कमाई पर टैक्स नहीं बनता है तो भी आप आईटीआर (ITR) फाइल करके कई सारे बेनेफिट्स ले सकते हैं. आइए जानते हैं...
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1. इनकम का प्रुफ बनेगा आईटीआर (ITR)
अगर आप बिना किसी टैक्स के भी आईटीआर भरने लगेंगे तो आपके पास आपकी इनकम का एक प्रुफ तैयार हो जाएगा. सैलरीड क्लास के लोगों को उनकी कंपनी फॉर्म 16 जारी करती है, जो उनके लिए बड़ा बेनेफिट होता है. ये फॉर्म 16 किसी इंडिविजुअल के लिए इनकम के प्रुफ का काम करता है. लेकिन अगर कोई सेल्फ एम्पलॉएड (Self Employed) है तो वो आईटीआर भर उसे अपनी इनकम के प्रुफ के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है. आईटीआर में किसी इंडिविजुअल की ओर से एक वित्तीय साल में किया गया पूरा लेखा-जोखा होता है
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2. टैक्स रिफंड (Tax Refund) क्लेम करने में मदद
अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आप फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) में निवेश कर टैक्स बचा सकते हैं. इसके अलावा डिविडेंड पर भी टैक्स आउटगो (Tax Outgo) बचा सकते हैं. मान लीजिए अलग-अलग जगह से कुल मिलाकर आपकी ग्रॉस सैलरी 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है तो आप इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश कर टैक्स बचा सकते हैं. हालांकि ये इंस्ट्रुमेंट्स को इनकम टैक्स के कुछ प्रावधानों के तहत छूट मिली होनी चाहिए.
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3. वित्तीय संस्थानों, बैंकों से लोन की मंजूरी (Loan sanctions)
आमतौर पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देने से पहले तीन साल की आईटीआर (ITR) रिपोर्ट मांगते हैं. अगर आप पहले से ही आईटीआर भरते आएंगे तो आपको बैंक से लोन लेने में आसानी हो जाएगी. अगर आप कार, घर या किसी निजी सामान को खरीदने के लिए लोन लेने पर विचार कर रहे हैं, तो आईटीआर (ITR) आपके लिए काफी मददगार हो सकता है. बैंक पॉलिसी या क्रेडिट कार्ड लेने में भी आईटीआर काफी मदद करती है.
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4. लॉस क्लेम (Loss Claim) में आसानी
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